The best Side of bhairav kavach
Wiki Article
संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः ॥
लज्जायुग्मं वह्निजाया स तु राजेश्वरो महान् ॥ १३॥
೨೧
साधक कुबेर के जीवन की तरह जीता है और हर जगह विजयी होता है। साधक चिंताओं, दुर्घटनाओं और बीमारियों से मुक्त जीवन जीता है।
नैऋत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे
पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु ॥
ಸ್ಮೇರಾಸ್ಯಂ ವರದಂ ಕಪಾಲಮಭಯಂ ಶೂಲಂ ದಧಾನಂ ಕರೈಃ
सत्यं भवति सान्निध्यं कवचस्तवनान्तरात् ॥ ५॥
पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु
कार्य पर विजय here प्राप्त करने के लिए संसार में इससें बड़ा कोई कवच नही है।
ವಾಮದೇವೋಽವತು ಪ್ರೀತೋ ರಣೇ ಘೋರೇ ತಥಾವತು
೨೩